‘कर्मवीर’ भारत के स्‍वाधीनता आंदोलन की धरोहर पत्रिका है। इसका प्रकाशन कर्मयोगी माधवराव सप्रे, एवं रायबहादुर विष्‍णुदत्‍त शुक्‍ल की प्रेरणा से महान संपादक, राष्‍ट्रकवि एवं चिंतक दादा माखनलाल चतुर्वेदी ने 17 जनवरी, 1920 को जबलपुर से किया था। अल्‍पकालीन विराम के बाद माखनलाल जी ने 4 अप्रैल, 1925 को खंडवा से पुन: प्रकाशन आरंभ किया। दो दशक के अंतराल के बाद स्‍वतंत्रता के स्‍वर्ण जयंती वर्ष में श्री विजयदत्‍त श्रीधर ने भोपाल से ‘कर्मवीर’ के तीसरे पड़ाव की संकल्‍प यात्रा अगस्‍त, 1997 आरंभ की। यह समाज, राजनीति और संस्‍कृति की मुखर पत्रिका है।